Interview Questions in Hindi and Answer, Job Interview क्या है और कैसे दे.

Interview Questions in HindiInterview (साक्षात्कार) आज नौकरी हेतु चयन का एक महत्त्वपूर्ण अंग बन चुका है। बहुत-सी नौकरियों में एवं कई महत्त्वपूर्ण कोसों में प्रवेश हेतु छात्रों को सर्वप्रथम लिखित परीक्षा पास करनी होती है फिर साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। कुछ संस्थानों में लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार होता है तो कुछ में सीधे साक्षात्कार से ही चयन होता है।

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वर्तमान प्रतिस्पर्धी युग में साक्षात्कार में किस तरह से अच्छे अंक प्राप्त किए जाएँ या साक्षात्कार का किस तरह सफलतापूर्वक सामना किया जाए यह जानना अति आवश्यक है।

Interview Questions in Hindi Interview (साक्षात्कार) शब्द के विषय में सुनते ही अधिकांश लोग तनाव का अनुभव करने लगते हैं जबकि सच यह है कि हम सभी अपने दैनिक जीवन में कई बार अनजाने में इस प्रक्रिया से गुजरते हैं, लेकिन हमें इस बात का आभास नहीं होता। उदाहरण के लिए, स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जाते समय कई लोग हमें सफर के दौरान मिलते हैं, और बातचीत द्वारा एक-दूसरे से नाम, पता, कार्य इत्यादि के सम्बन्ध में पूछते हैं।

इसी तरह, बीमार होने की स्थिति में जब हम किसी डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वह बीमारी के बारे में पूछताछ करने के अलावा व्यक्तिगत जानकारी भी प्राप्त करता है। इस तरह की और भी कई परिस्थितियों का सामना हमें आए दिन करना पड़ता है, किन्तु इसके लिए हमें न तो किसी विशेष तैयारी की जरूरत पड़ती है और न ही तनाव होता है। बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के ऐसी परिस्थितियों का सामना करने में हम सक्षम होते हैं।

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Meaning of Interview in hindi, साक्षात्कार का अर्थ क्या है?

साक्षात्कार किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच होने वाली वह अन्तःक्रिया या वार्तालाप है, जिसमें एक व्यक्ति (साक्षात्कारकर्ता) दूसरे व्यक्ति (साक्षात्कार देने वाले) से पद, पदोन्नति अथवा शिक्षण संस्थान में प्रवेश हेतु उसकी की जाँच करने के लिए कुछ विशिष्ट प्रश्न पूछता है। साक्षात्कार नियोक्ताओं के लिए किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण परिचय प्राप्त करने का सर्वाधिक प्रभावी और वैज्ञानिक साधन है।

Objective of Interview / साक्षात्कार के उद्देश्य

  • प्रत्याशी/उम्मीदवार के व्यक्तित्व को परखना।
  • किसी पद विशेष हेतु प्रत्याशी की उपयुक्तता के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु उसकी बौद्धिक क्षमताओं, सामाजिक व पारिवारिक पृष्ठभूमि तथा उसके व्यक्तित्व का आकलन करना
  • प्रत्याशी के जीवन के लक्ष्य तथा उसकी आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करना।
  • प्रत्याशी द्वारा आवेदित पद एवं संगठन के विषय में उसकी जानकारी को परखना।
  • तनावपूर्ण एवं उत्तेजनात्मक परिस्थितियों में प्रत्याशी के मानसिक सन्तुलन की जाँच करना।
  • योग्य प्रत्याशी को उक्त पद अथवा नौकरी स्वीकार करने हेतु प्रोत्साहित करना।
  • अन्ततः किसी पद अथवा संस्थान हेतु सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति का चयन करना।

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Importance of Interview / साक्षात्कार का महत्त्व Interview Questions in Hindi

  • साक्षात्कार किसी व्यक्ति की भावनाओं, अनुभूतियों एवं विचारों को अभिव्यक्त करने की सर्वोत्तम विधि है।
  • लिखित परीक्षा द्वारा प्रत्याशी के व्यक्तित्व के केवल एक पक्ष (बौद्धिक क्षमता एवं स्मरण-शक्ति) की जाँच ही सम्भव हो पाती है, जबकि साक्षात्कार द्वारा उसके सम्पूर्ण व्यक्तित्व का आकलन करना सम्भव है।
  • साक्षात्कार की सहायता से मात्र कुछ ही समय में प्रत्याशी के व्यवहार, संवाद-कौशल. सामान्य-जागरूकता, सामान्य ज्ञान एवं विभिन्न परिस्थितियों में उसकी निर्णयन-क्षमता. आत्मविश्वास, धैर्यशीलता तथा आवेदित पद हेतु उसकी उपयुक्तता आदि का आकलन करना सम्भव होता है।
  • साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी को भी अपनी बातें कहने का अवसर प्राप्त होता है। कई ऐसी बातें, जिन्हें रिज्यूमे या जॉब कवर लेटर में नहीं लिखा जा सकता, उन्हें अभ्यर्थी साक्षात्कार के दौरान आमने-सामने की परिस्थिति में आसानी से अभिव्यक्त कर सकता है; जैसे—पिछली नौकरी के दौरान घटित किसी विशेष घटना या उपलब्धि का वर्णन।
  • साक्षात्कार अभ्यर्थी को स्वयं को सर्वोत्तम तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर देता है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि, थोड़ी-सी तैयारी एवं अभ्यास द्वारा अभ्यर्थी साक्षात्कार के माध्यम से अपनी योग्यता सिद्ध कर सकता है।

Types of Interview / साक्षात्कार के प्रकार –Interview Questions in Hindi

विभिन्न पद-सम्बन्धी उद्देश्यों एवं आवश्यकताओं के आधार पर साक्षात्कार के कई प्रकार
होते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख प्रकारों को निम्नांकित तालिका द्वारा प्रस्तुत किया गया है
इन सभी प्रकारों का संक्षिप्त वर्णन निम्नवत् है

  1. समूह साक्षात्कार
  2. साक्षात्कार व्यक्तिगत
  3. आमने-सामने का साक्षात्कार
  4. टेलिफोनिक साक्षात्कार
  5. संरचित साक्षात्कार
  6. असंरचित का साक्षात्कार

Face to Face Interview (आमने-सामने का साक्षात्कार)

Interview Questions in Hindi

अधिकांश साक्षात्कार आमने-सामने की परिस्थिति में सम्पन्न होते हैं, जहाँ साक्षात्कारकर्ता, उम्मीदवार से आमने-सामने बैठकर कुछ प्रश्न तक पूछता है और उसके द्वारा दिए गए उत्तरों के आधार पर उसके व्यक्तित्व का मूल्यांकन किरता है।

Telephonic Interview (टेलीफोनिक साक्षात्कार)

Interview Questions in Hindi

कई संगठन उम्मीदवारों की भीड़ को कम करने के लिए गि प्रारम्भिक स्तर पर टेलीफोनिक साक्षात्कार का प्रयोग करते हैं। इसके अन्तर्गत साक्षात्कारकर्ता टेलीफोनिक बातचीत के माध्यम से उम्मीदवार से उसके विषय में कुछ आधारभूत जानकारियाँ प्राप्त करता है, और फिर उनके आधार पर यह निर्णय लेता है कि उसे फाइनल राउण्ड के लिए बुलाया जाए अथवा नहीं।

Group Discussion Interviews (समूह साक्षात्कार )

Interview Questions in Hindi
Group Discussion Interviews

इस प्रकार के साक्षात्कार में एक साथ तीन या चार प्रत्याशियों का साक्षात्कार सामूहिक रूप से लिया जाता है, जिन्होंने समान पद के लिए आवेदन किया हो। इसके अन्तर्गत सभी प्रत्याशियों से एक जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं या फिर उन्हें सामूहिक रूप से एक समस्या दे दी जाती है, जिस पर आपस में चर्चा करके प्रत्याशियों को एक उपयुक्त समाधान प्रस्तुत करना होता है। सर्वेक्षण साक्षात्कार, प्रश्नावली साक्षात्कार आदि समूह साक्षात्कार के ही प्रकार हैं।

Personal Interview (व्यक्तिगत साक्षात्कार)

इस तरह के साक्षात्कार में एक या एक से अधिक साक्षात्कारकर्ता किसी एक ही उम्मीदवार का साक्षात्कार लेते हैं। इस प्रकार की साक्षात्कार-शैली शैक्षणिक क्षेत्र में या फिर उच्च-स्तरीय कॉर्पोरेट क्षेत्र में अधिक प्रचलित होती है।

Interview Questions in Hindi

Closed Interview (संरचित साक्षात्कार)

जब साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या, क्रम, समय एवं स्वरूप पूर्व-निर्धारित हों, तो इसे ‘संरचित साक्षात्कार’ कहते हैं। इस प्रकार के साक्षात्कार की मुख्य विशेषता यह होती है कि इसके द्वारा कम समय में ही अधिक सटीक एवं समग्र सूचना प्राप्त की जा सकती है। इसे बन्द साक्षात्कार (Closed Interview) भी कहा जाता है।

Open Interview (असंरचित साक्षात्कार)

जब साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्वरूप पूर्व-निर्धारित नहीं होता है तो ऐसे साक्षात्कार को ‘असंरचित साक्षात्कार’ कहते हैं। इसमें साक्षात्कारकर्ता अपनी इच्छा एवं आवश्यकता के अनुरूप प्रत्याशी से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछता है, और उसके द्वारा प्राप्त उत्तरों के आधार पर उसका यथोचित मूल्यांकन करता है। ऐसे साक्षात्कार का स्वरूप लचीला एवं मुक्त होने के कारण ही इसे ‘खुला साक्षात्कार’ (Open Interview) भी कहते हैं।

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Merits of Interview / साक्षात्कार के गुण एवं लाभ –Interview Questions in Hindi

साक्षात्कार किसी सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक शोध से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों के विषय में
जानकारी प्राप्त करने की प्रचलित विधि है। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं

कम समय में अधिक जानकारी प्राप्त होना

व्यक्तित्व मूल्यांकन की अन्य विधियों की अपेक्षा इसमें कम समय में किसी व्यक्ति के सम्बन्ध में सटीक एवं समग्र सूचना प्राप्त की जा सकती है। साक्षात्कारकर्ता अपनी आवश्यकतानुसार उत्तरदाता को संवेदनशील एवं उत्तेजित करके उससे कई जटिल जानकारियाँ भी प्राप्त करने में समर्थ होता है।

अव्यक्त विषयों/पहलुओं का अध्ययन सम्भव

अभ्यर्थी से जुड़ी कई ऐसी बातें होती हैं, जिसकी जानकारी उसके रिज्यूम या बायोडाटा को पढ़कर प्राप्त नहीं की जा सकती हैं, जबकि साक्षात्कार के दौरान आमने-सामने की परिस्थिति में उसके व्यवहारों का अध्ययन करके उसके बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। साथ ही, अभ्यर्थी को भी अपनी भावनाओं, संवेगों, इच्छाओं आदि को व्यक्त करने का पूरा मौका मिलता है।

विश्वसनीय जानकारी की प्राप्ति

साक्षात्कार के द्वारा प्राप्त जानकारी अधिक वैध एवं विश्वसनीय होती है, विशेषकर संरचित साक्षात्कार में, जहाँ पूछे जाने वाले प्रश्नों का स्वरूप एवं उद्देश्य पूर्वनियोजित होता है, वहीं अभ्यर्थी द्वारा स्पष्ट एवं सारगर्भित उत्तर देने की सम्भावना अधिक होती है।

पर्याप्त लचीलापन

साक्षात्कार की एक अहम् विशेषता यह होती है कि इसमें साक्षात्कारकर्ता द्वारा पूछा गया प्रश्न, यदि अस्पष्ट हो तो प्रत्याशी उसके अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कह सकता है। यही बात उत्तरदाता द्वारा दिए गए उत्तर के सम्बन्ध में भी लागू होती है। इससे दोनों ही पक्षों को सही जानकारी के आदान-प्रदान में सुविधा होती है, जिससे सही सूचना प्राप्त करना सम्भव हो पाता है। यह विशेषता लिखित परीक्षा में नहीं पाई जाती है।

साक्षात्कार के दोष Demerits of Interview – Interview Questions in Hindi

प्राप्त जानकारी की विश्वसनीयता सन्देहपूर्ण

साक्षात्कार में यह प्रबल सम्भावना होती हैकि साक्षात्कारदाता द्वारा स्वयं के विषय में दी गई सूचना पूर्णतः सत्य न हो। जैसे कि, हो सकता है कि वह काफी उग्र-स्वभाव का हो जबकि आवेदित पद के अनुरूप वह खुद को बेहद विनम्र रूप में प्रस्तुत करे। एक निश्चित समय के भीतर इस बात का पता लगा पाना सम्भव नहीं है। साथ ही, परिणाम-मूल्यांकन पर साक्षात्कारकर्ता के मत अथवा पूर्वाग्रह का प्रभाव पड़ने की भी सम्भावना सदैव बनी रहती है।

अधिक समय एवं श्रम की आवश्यकता

अभ्यर्थियों की संख्या अधिक (सामान्यतः दस या अधिक) होने की स्थिति में कुछ प्रकार के साक्षात्कार; जैसे- वैयक्तिक साक्षात्कार में समय एवं श्रम अधिक लगता है। इससे बचने के लिए कई बार समूह साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है, लेकिन इसमें साक्षात्कारकर्ता के लिए प्रत्येक उम्मीदवार पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना सम्भव नहीं होता, जिससे उनके विषय में
गहन सूचना प्राप्त नहीं हो पाती।

स्मृति पर अधिक निर्भरता

प्राय: साक्षात्कार के दौरान यह सम्भव नहीं होता कि साक्षात्कारकर्ता उत्तरदाता द्वारा दी गई समस्त सूचनाओं को नोट कर सके। उसे अन्तिम परिणाम के दौरान अपनी स्मृति पर निर्भर रहना पड़ता है, जो जरूरी नहीं कि हमेशा सटीक ही हो।

भावनाओं एवं संवेगों का प्रभाव

साक्षात्कार के दौरान कई बार कुछ प्रत्याशी नई परिस्थिति में स्वयं को पाकर थोड़ा नर्वस हो जाते हैं, और ऐसे में अपने को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर पाते, साथ ही साक्षात्कारकर्ता भी कई बार साक्षात्कारदाता द्वारा दिए गए उत्तरों का अपने विचार से कुछ अलग अर्थ निकाल लेता है, जबकि वह कहना कुछ और चाहता था। अत: इन दोनों ही स्थितियों में, साक्षात्कार से प्राप्त होने वाली सूचनाओं की वस्तुनिष्ठता समाप्त हो जाती है और उसका उद्देश्य भी पूरा नहीं हो पाता।


इस प्रकार, साक्षात्कार के सम्बन्ध में उपरोक्त चर्चा के पश्चात् अन्तिम रूप से यही कहा जा
सकता है कि साक्षात्कार कम समय में उपयोगी सूचनाओं को प्राप्त करने की एक उत्तम विधि है।
इसके अन्तर्गत साक्षात्कारकर्ता एवं साक्षात्कारदाता की कुछ निश्चित भूमिकाएँ होती हैं, जिसके
अनुसार वे पारस्परिक व्यवहार करके समुचित जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं।

वर्तमान में प्राय: सभी सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों तथा निजी फर्मों में नियुक्ति हेतु साक्षात्कार का उपयोग व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। किसी भी स्तर की प्रतियोगी परीक्षा के साक्षात्कार में अच्छा प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवार की सफलता प्राय: निश्चित रहती है।

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साक्षात्कार में जाते समय ध्यान रखें ये टिप्स, Tips for Interview Questions in Hindi

साक्षात्कार में जाने की तैयारी कॉल लेटर मिलने के साथ ही शुरू कर देनी चाहिए। अगर
सम्भव हो तो अपने मित्रों, परिजनों एवं अन्य अनुभवी लोगों से इस सन्दर्भ में उपयुक्त जानकारी हासिल करने का प्रयास करें।

नियमित रूप से समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं एवं महत्त्वपूर्ण आलेखों का अध्ययन करें। जिस
पद के लिए आप साक्षात्कार देने जा रहे हैं, उससे जुड़े पूर्व सफल प्रत्याशियों का साक्षात्कार
पढ़कर प्रेरणा प्राप्त करें।

साक्षात्कार बोर्ड के समक्ष सीधे प्रस्तुत होने से पूर्व जमकर मानसिक रिहर्सल करें। अगर सम्भव हो, तो अपने दोस्तों के साथ ग्रुप बनाकर या फिर किसी कोचिंग संस्थान में शामिल होकर मॉक-इण्टरव्यू आयोजित करें। इससे आपकी झिझक समाप्त होगी और साक्षात्कार बोर्ड का सामना करने का हौसला बढ़ेगा

अपनी व्यक्तिगत रुचियों, पढ़ाई, सामयिक विषयों, अपने शहर, गाँव अथवा कस्बे तथा राज्य की भौगोलिक स्थिति, पर्यटन की सम्भावना तथा उनसे जुड़ी अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ हासिल करें, क्योंकि बोर्ड द्वारा अक्सर ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं।

अपने रिज्यूमे को फाइल में सबसे ऊपर रखें और फिर क्रमबद्ध रूप से उसमें लिखी सभी
जानकारियों से सम्बन्धित प्रमाण-पत्रों को संलग्न करें।

साक्षात्कार हेतु पहनकर जाने वाले कपड़े, साक्षात्कार स्थल के विषय में सम्पूर्ण जानकारी (आपके घर से वहाँ की दूरी, जाने का साधन, आदि), सम्बन्धित पद अथवा कम्पनी के विषय में जानकारी, इत्यादि को एक-दो दिन पूर्व ही सुनिश्चित कर लें।

साक्षात्कार में सफलता हेतु पॉवर टिप्स Power Tips to be Successful in Interview – Interview Questions in Hindi

यदि आप साक्षात्कार के लिए जा रहे हैं तो मानसिक रूप से तैयार होने के साथ-साथ कुछ प्रमुख बातों का भी विशेष रूप से ध्यान रखें

  1. आप जिस पद अथवा जिस कम्पनी हेतु साक्षात्कार देने जा रहे हैं, उसके बारे में अधिकतम जानकारियाँ हासिल करने का प्रयास करें। साथ ही, अपनी पूर्व कम्पनी अथवा जॉब से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं का भी पुनरावलोकन कर लें।
  2. साक्षात्कार के लिए अत्यधिक भड़कीले या फैशनेबल परिधान पहनकर न जाएँ। जहाँ तक सम्भव हो, उचित एवं औपचारिक (Formals) वस्त्रों का ही उपयोग करें। सौम्य एवं हल्के रंगों के वस्त्रों का उपयोग यह दर्शाता है कि आप साक्षात्कारकर्ता का सम्मान कर रहे हैं।
  3. साक्षात्कार के लिए हमेशा निर्धारित समय से कम-से-कम 15 मिनट पूर्व पहुँचने की कोशिश करें।
  4. साक्षात्कार-कक्ष में प्रवेश से पूर्व अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ अथवा सायलेंट मोड पर कर दें ताकि साक्षात्कार के दौरान इससे कोई बाधा उत्पन्न न हो।
  5. साक्षात्कार के दौरान अनावश्यक एवं असम्बन्धित बातें न करें जो कि विषय से अलग हों।अक्सर ऐसा करना साक्षात्कारकर्ता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। बोलते समय आपके स्वर में न तो अधिक तीव्रता होनी चाहिए और न ही उत्तेजना व अस्पष्टता व्यक्त होनी चाहिए। इसके विपरीत, आपकी भाषा सभ्य, सौम्य एवं तार्किक होनी चाहिए।
  6. यदि आप साक्षात्कारकर्ता के किसी विचार से असहमति रखते हों, तो सीधे-सीधे उसकी बात
    को गलत ठहराने के बजाय इस तरह से कह सकते हैं कि “मैं आपके विचारों की कद्र करता हूँ
    किन्तु मेरा मानना है कि…” इससे साक्षात्कार लेने वाले पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  7. अपने विचारों को किसी पर भी जबरन थोपने की कोशिश न करें और न ही सामने वाले की
    बात को बीच में काटें। पहले उसकी बातों को अच्छी तरह सुन लें, फिर अपने विचार रखें।
    ध्यान रखें आपके द्वारा कही गई बात और आपके शारीरिक हाव-भाव में उचित सन्तुलन हो।
  8. उत्तर देते समय साक्षात्कारकर्ता की आँखों में आँखें डालकर बातें करें। इससे आपका आत्मविश्वास झलकता है। बार-बार आँखें मटकाना, अपनी अँगुलियाँ चटकाना, कन्धे उचकाना आदि अवांछनीय हरकतें असभ्य मानी जाती हैं, साथ ही आपके आत्मविश्वास की कमी को उजागर करती हैं।
  9. पूर्व कम्पनी अथवा नियोक्ता के विषय में पूछे जाने पर हमेशा सकारात्मक उत्तर दें। भले ही वहाँ
    आपको किसी तरह की परेशानी उठानी पड़ी हो, फिर भी उसकी शिकायत या निन्दा करने से बचें।
  10. साक्षात्कार के दौरान अपनी बॉडी लैंग्वेज पर भी विशेष ध्यान दें। पैर पर पैर चढ़ाकर बैठना,
    बार-बार अँगुलियाँ चटकाना या दोनों हाथों को मोड़कर बैठना आदि सही नहीं माना जाता है।
  11. साक्षात्कार में कई प्रश्न ऐसे भी पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर ‘हाँ’ या ‘ना’ होता है, लेकिन
    आपको उन प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में ही न देकर पूरे वाक्य में देने चाहिए।
  12. साक्षात्कार के दौरान आपका चेहरा प्रसन्नचित्त एवं ताजगी भरा दिखना चाहिए।
  13. पराजय का मूल है आत्मविश्वास की कमी, जो हमारे मन में भय अथवा संशय उत्पन्न करती है। अत: मन में यह विश्वास जगाएँ कि हम जीत की राह पर चल पड़े हैं और हमारी जीत सुनिश्चित है।
  14. नकारात्मक विचारों का परित्याग कर सदैव सकारात्मक विचारों को मन में पनपने दें। तभी आप
    आत्मविश्वासी बनेंगे और प्रतियोगिता के अन्तिम चरण में सफल होंगे।
  15. आपका सबसे बड़ा मित्र आपका मन है। उसकी आवाज को सुनें, उस पर पूरा विश्वास करके
    साक्षात्कार की तैयारी में जुट जाएँ, इधर-उधर न भटकें। इसी से आपको सफलता मिलेगी।
  16. बोर्ड के सामने धीरे-धीरे संयमित होकर जवाब दें। अपनी आवाज सुनने लायक ही रखें। बोर्ड
    के सदस्यों को ‘सर’ या ‘मैडम’ कहकर ही सम्बोधित करें। साक्षात्कार समाप्त होने पर जब तक
    आज्ञा न मिले, सीट छोड़ने की कोशिश न करें। आज्ञा मिलने पर बोर्ड को धन्यवाद दें एवं
    नमस्कार कर शालीनता से बाहर आ जाएँ।
  17. साक्षात्कार या परीक्षा में असफलता मिलने पर व्यक्ति को निराश नहीं होना चाहिए। सफलता की
    सीढ़ियाँ चढ़ने हेतु यह आवश्यक है कि व्यक्ति अपनी पिछली तैयारी का फिर से अवलोकन करे
    और अपनी गलतियों को खोज कर उन्हें दूर करे। तभी वह सफल हो सकता है।
  18. अधिकांश विद्यार्थी साक्षात्कार में एक बार असफल होने पर अत्यधिक निराश हो जाते हैं, वे आगे
    किसी भी प्रकार की तैयारी के बारे में सोचने से भी हिचकते हैं, पर जो विद्यार्थी इन असफलताओं
    से बिना घबराए हिम्मत कर पुन: तैयारी में जुटते हैं, वे अवश्य सफलता पाते हैं।
  19. सफलता प्राप्त करने के लिए भी यह आवश्यक है कि व्यक्ति अपनी कमियों को खोजे और
    उन्हें दूर करे। आज के इस प्रतियोगिता के युग में किसी भी नौकरी हेतु साक्षात्कार का लौह द्वार
    हर विद्यार्थी को पार करना पड़ता है। साक्षात्कार में व्यक्ति के ज्ञान साथ-साथ उसके व्यवहार व्यक्तित्व, चाल-ढाल, पहनावे आदि की भी परीक्षा होती है।
  20. याद रखें आपके व्यक्तित्व में अद्भुत निखार और आकर्षण तभी आएगा, जब आप आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास से स्वयं को परिपूर्ण करेंगे। क्रेडिट –

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100+ Interview Questions in Hindi

  1. अपने विषय में कुछ बताएँ। अपना परिचय दीजिए।
  2. हमें आपको यह नौकरी क्यों देनी चाहिए?
  3. आपके व्यक्तित्व के प्रमुख सबल पक्ष क्या है?
  4. आप हमारी कम्पनी/संस्थान के विषय में क्या जानते हैं?
  5. आपके व्यक्तित्व के दुर्बल पक्ष क्या हैं?
  6. कोई एक ऐसा अवसर बताइए जब आपको एक साथ कई प्राथमिकताओं का सामना
    करना पड़ा और अन्तिम तिथि (डेडलाइन) तक अपना कार्य पूरा पड़ा। कोई एक
    ऐसा अवसर बताइए जब आप अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिशों/प्रयासों के बावजूद सफलता
    प्राप्त नहीं कर पाए? या कोई ऐसा अवसर बताइए, जब आप अनेक मुश्किलों के बावजूद सफलता प्राप्त करने में सफल रहे।
  7. आपको कौन-सी बातें प्रेरित करती हैं?
  8. आपने पिछली नौकरी क्यों छोड़ी?
  9. किस तरह के कार्य-परिवेश में आप सबसे अधिक आनन्दित महसूस करते हैं?
  10. आप हमारी कम्पनी से कितना वेतन प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं?
  11. आपको इस पद आवेदन करने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया?
  12. आपके रिज्यूमे से पता चलता है कि आप इस पद के लिए अति-अर्हता प्राप्त अथवा
    अति-अनुभवी उम्मीदवार हैं। आपका क्या विचार है?
  13. आप आज से पाँच वर्षों बाद स्वयं को कहाँ देखते हैं?
  14. वर्तमान में आपके पास जीविका का विकल्प क्या है?
  15. आपने इतनी सारी नौकरियाँ क्यों की?
  16. कोई ऐसा अवसर बताइए जब आप नियत लक्ष्य को प्राप्त करने से चूक गए और इसके
    लिए आपको थोड़ी ग्लानि भी महसूस हुई?
  17. किस कम्पनी को आप एक आदर्श कम्पनी मानते हैं, जिसने आपको सर्वाधिक सन्तुष्ट किया?
  18. कोई एक ऐसा अवसर बताइए जब आपके कार्य की आलोचना हुई?
  19. आपके शौक/रुचियाँ क्या-क्या हैं?
  20. आप लम्बे समय तक कार्य से विलग होकर क्यों रहे?
  21. आपको गुस्सा कब आता है?
  22. आपको जीवन में किसने प्रेरित किया और क्यों?
  23. मुझे लगता है कि आपके पास उतना अनुभव नहीं है जितना हमें इस पद हेतु चाहिए?
  24. रात्रिप्रहर तथा सप्ताहान्त में काम करने के विषय में आपके क्या विचार हैं?
  25. क्या आप स्थानान्तरण अथवा यात्रा के लिए सहमत होंगे?
  26. आप मुझे पूरी ईमानदारी से अपने बॉस के व्यक्तित्व की कुछ सकारात्मक तथा नकारात्मक बातें बाताइए?
  27. अब तक आपके द्वारा लिया गया सबसे कठिन/अप्रिय निर्णय क्या था?
  28. आपकी विगत या पिछली नौकरी का कौन-सा भाग आपके लिए सबसे कठिन था?
  29. कोई एक ऐसा अवसर बताइए जब आपको चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ा हो।
  30. क्या आप एक कनिष्ठ अथवा महिला अधिकारी के साथ काम करने में सहज महसूस करते हैं?
  31. आप ‘सफलता’ शब्द को कैसे परिभाषित करते हैं?
  32. क्या कभी आपका अपने मालिक या पर्यवेक्षक के साथ द्वन्द्व/झगड़ा हुआ है? आपने उसे कैसे सुलझाया?
  33. क्या आप अपनी पिछली नौकरी में कभी भी कुछ दिनों से अधिक अनुपस्थित रहे हैं?
  34. आपके अनुसार, एक सफल मैनेजर में कौन-कौन सी विशेषताएँ होनी चाहिएँ?
  35. एक ऐसा अवसर बताएँ जब आपको किसी जगह पर बिना किसी नियम व निर्देशन के किसी समस्या का समाधान करना पड़ा हो?
  36. आप अपने अधीन/अपने साथ कार्य करने वालों का सर्वश्रेष्ठ योगदान कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
  37. आप अपनी टीम के संघर्षों/विवादास्पद मामलों को कैसे सुलझाते हैं?
  38. आपके मालिक आपके बारे में क्या सोचते हैं?
  39. आप किसी कार्य-परिस्थिति में सबसे ज्यादा किस चीज़ को नापसन्द करते हैं?
  40. आपकी कौन-सी बातें आपको अन्य लोगों से अलग करती हैं?
  41. आप उस परिस्थिति में क्या करेंगे जब आपके ही कॉरिट स्तर का एक साथी कार्यकर्ता आपके साथ सहयोग नहीं कर रहा हो और इस वजह से आपके विभाग द्वारा सौंपा गया कार्य पूरा होने में देर हो रही हो?
  42. आप अपनी वर्तमान कम्पनी में लम्बे समय तक रहे हैं ऐसे में क्या आपके लिए नए परिवेश में स्वयं को ढालना कठिन नहीं होगा?
  43. क्या आपको बुरा लगेगा, यदि मैं एक सन्दर्भ विशेष हेतु आपके वर्तमान मालिक से सम्पर्क करूँ?
  44. क्या आप अपनी पिछली नौकरी में और भी बेहतर कर सकते थे?
  45. क्या आप तनाव/दबाव में रहते हुए कार्य कर सकते हैं?
  46. आप अब तक के अपने सबसे बोरिंग (उबाऊ) कार्य (जॉब) के विषय में बताइए।
  47. आप उस परिस्थिति में कैसा व्यवहार करेंगे जब आपका मालिक (बॉस) किसी विचार को लेकर बेहद उत्साहित हो, और आपको लगता है कि यह पूरी तरह से विफल हो जाएगी?
  48. यदि आप दोबारा अपने कैरियर की शुरूआत कर पाते, तो कैरियर से सम्बन्धित किस निर्णय में आप परिवर्तन लाते?
  49. क्या आपको लगता है कि आपका कैरियर अब तक सफल रहा है?
  50. आपको इस कम्पनी में अपना अर्थपूर्ण/उपयोगी योगदान देने में कितना समय लगेगा?
  51. आप एक सप्ताह में सामान्यतः कितने घण्टे कार्य करते हैं?
  52. क्या आप एक उदाहरण दे सकते हैं जब किसी कार्य में आपने पहल की हो?
  53. आपको किस बात की सर्वाधिक चिन्ता होती है?
  54. आप स्वयं में किस सुधार की आवश्यकता महसूस करते हैं?
  55. एक विपणन प्रबन्धकर्ता (सेल्स एक्जिक्यूटिव) के रूप में सबसे कठिन कार्य क्या है?
  56. आपका लक्ष्य क्या है?
  57. क्या आपने कभी अपना व्यवसाय शुरू करने की सोची है?
  58. क्या कभी आपने अपनी कम्पनी के बारे में कोई नकारात्मक बात सुनी है?
  59. आपके पास कोई अनुमोदन (Reference) है?
  60. एक “प्राक्कल्पित समस्या” का जवाब कैसे दिया जा सकता है?
  61. यदि आपकी एक करोड़ की लॉटरी लग जाए तो क्या आप नौकरी छोड़ देंगे?
  62. यदि आपको एक ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़े जहाँ सभी लोग आपके विरुद्ध हों, और आपको लगता है कि आप सही रास्ते पर हैं, तो आप कैसे प्रतिक्रिया करेंगे
  63. एक साक्षात्कारकर्ता के रूप में आप मुझे कैसे मूल्यांकित करेंगे?
  64. जब आप किसी उम्मीदवार को नियुक्त करते हैं तो आप उसमें क्या-क्या विशेषताएँ देखते हैं?
  65. क्या आप साक्षात्कारकर्ता के मेज़ पर पड़ी कलम, पेन्सिल, स्टेप्लर, घड़ी या अन्य किसी चीज़ को मुझे बेच सकते हैं?
  66. क्या आप वर्तमान में अपनी कम्पनी से जुड़ी कुछ गोपनीय सूचनाओं को मुझसे बाँट सकते हैं?
  67. यदि आप इस परिषद् में शामिल हो जाते हैं तो आप कौन-कौन से परिवर्तन लाना चाहेंगे?
  68. क्या आप अकेले काम करना पसन्द करते हैं या फिर सबके साथ मिलकर?
  69. यदि आपको नियुक्त कर लिया जाता है तो आप सबसे पहले क्या करेंगे?
  70. अब तक आपने किस प्रकार के यन्त्रों/उपकरणों का उपयोग करते हुए काम किया है?
  71. आप हमारे उद्यम में कौन-सा प्रमुख प्रचलन देखते हैं?
  72. यदि आपको यह नौकरी मिल जाती है, तो आप इस क्षेत्र में कैसी प्रतिस्पर्धा देखते हैं?
  73. यदि आपका प्रतिद्वन्द्वी आपको नौकरी देने की पेशकश करे तो आप क्या करेंगे?
  74. आपने अभी हाल में किस अच्छी पुस्तक का अध्ययन किया है?
  75. क्या आपका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है?
  76. क्या आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो “नई चीज़ों को आज़माना”, या “नियमित दिनचर्या के साथ चलते रहना” पसन्द करते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
  77. ग्राहक अक्सर भारी दबाव निर्मित करते हैं। इस क्षेत्र में आपका अनुभव क्या रहा है?
  78. आप काम के लिए कब उपलब्ध रहते हैं?
  79. यदि आपको एक उत्तेजित/नाराज़ ग्राहक के साथ व्यवहार करना पड़े, तो आप क्या करेंगे?
  80. क्या आपको कभी ऐसे ग्राहक का सामना करना पड़ा है, जो यथार्थ माँगें करता हो?
  81. आप अपने कार्य को कैसे नियोजित तथा व्यवस्थित करते हैं?
  82. क्या आप अपनी गलतियों को दूसरों को बताना/दूसरों के साथ बाँटना पसन्द करते हैं?
  83. आप अपने कार्य तथा सामाजिक ज़िम्मेदारियों/परिवार के साथ सन्तुलन कैसे स्थापित करते हैं?
  84. क्या आपने कभी अपने पद-विवरण/कार्य-विवरण से ऊपर अथवा उससे इतर कार्य किया है?
  85. क्या आपने किसी ऐसी परियोजना पर कार्य किया है, जहाँ आपको कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ा हो ओर अन्तत: आपने उसे सफलतापूर्वक पूरा किया?
  86. एक ऐसा अवसर या अनुभव बताइए जब आपका अपने मालिक या सहकर्मियों के साथ मतभेद उभरकर सामने आया हो?
  87. आपके सहकर्मी आपको किस प्रकार पारिभाषित करते हैं?
  88. आपकी प्रबन्धकीय शैली की विशेषताएँ क्या है?
  89. द्वि-मार्गी संचार शब्द से आप क्या समझते हैं?
  90. कार्यप्रणाली की इस संचार शैली के क्या-क्या लाभ हैं?
  91. आप अपनी भूमिका को कैसे उपयुक्त बना सकते हैं और कैसे अपनी टीम को ऊर्जावान रख सकते हैं?
  92. आप अपनी टीम के उच्च मानकों को कैसे बनाए रख सकते हैं और किस प्रकार निम्न-निष्पादन को उन्नत कर सकते हैं?
  93. क्या आप हमारे संस्थान के साथ-साथ अन्य संस्थानों से भी वार्ता कर रहे हैं?
  94. क्या आप मुझे अपने बारे में कुछ ऐसी बातें बता सकते हैं जो आपके रिज्यूमे में उल्लिखित नहीं हैं।
  95. आप ‘निजी क्षेत्र में आरक्षण’, ‘कन्या भ्रूण हत्या’, ‘मृत्यु दण्ड….. (या अन्य किसी विवादास्पद विषय अथवा तात्कालिक मुद्दे) के विषय में क्या सोचते हैं?
  96. क्या आप कभी किसी टीम/समूह के खिलाड़ी रहे हैं?
  97. आपने अपने रिज्यूमे में उल्लेख किया है कि आप अपने विभाग की उत्पादकता को सराहनीय रूप से बढ़ाने में सक्षम थे, क्या आप बता सकते हैं कि आपने ऐसा कैसे किया?
  98. आपकी शिक्षा ने किस तरह आपको अपने कैरियर के लिए तैयार करने में मदद की?
  99. आप कितना अर्जन कर लेते हैं?
  100. क्या आपके मन में कोई प्रश्न शेष है? या क्या आपको कोई प्रश्न पूछना है?
  101. एक गैर-कानूनी/अवैध/असम्बद्ध प्रश्न से कैसे निबटा जा सकता है?
  102. आप कब और कैसे अपनी क्षमता को प्रदर्शित करना पसन्द करते हैं?

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