Sales Entry in Tally with GST कैसे करें, Sales Return, Cash & Credit Sales Download pdf

व्यापार-व्यवसाय में जितना महत्वपूर्ण अपने माल या Stock को विक्रय करना है उतना ही उसका सही रूप से Sales Management और Tally Accounting Software में Record करके रखना अनिवार्य है, जैसे कि हम जानते हैं की कोई भी व्यवसाय और व्यापार तभी सफल हो सकता है जब वह अच्छे से अपने Stock को Sale कर पाने में सक्षम होता है, तभी वह अपने व्यापार और व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर पाता है तो आज हम Sales Entry in Tally with GST कैसे करें, Sales Return Journal Entry, Credit Note, Cash & Credit Sales के बारे में चर्चा करेंगे.

Sales Entry in Tally GST
Sales Entry in Tally GST

>> Purchase Entry in Tally with GST, Fixed Assets, Purchase Return with Example Download PDF

Sales क्या है?

Sales जिसे हिंदी में विक्रय कहा जाता है, बिजनेस में लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से जब क्रय किया हुआ माल Sale किया जाता हैं, उसे विक्रय कहते हैं। Sales होने पर Sales Bill तैयार किया जाता है जिसमें ग्राहक का नाम, ग्राहक का पता, बेचे गए समान की मात्रा, दर और कुल कीमत दिया हुआ रहता है. बिजनेस में नगद माल बेचने को नगद विक्रय (Cash Sales) तथा उधार माल बेचने को उधार विक्रय (Credit Sales) कहते हैं।

Sales Return क्या है?

विक्रय क्या हुआ Goods किसी कारणवश ग्राहक द्धारा Return कर दिया जाता हैं, उसे Sales Return (विक्रय वापसी) कहते है। टेैली में Sales Return होने पर उसे Journal Voucher या Credit Note में एंट्री किया जाता है।

Sales Entry in Tally

Sales Entry in Tally : Tally में सेल्स एंट्री को हिंदी में विक्रय प्रविष्टि कहा जाता है, जिसे F8 Sales Voucher में एंट्री की जाता है एवं सेल्स लेन-देन को टैली में रिकॉर्ड करके रखा जाता है जिससे व्यापार में हुए टोटल सेल्स और लाभ हानि का जानकारी प्राप्त कर सकते हैं साथ ही हमारे व्यवसाय के कितने Debtor हैं जिनसे पेमेंट प्राप्त करना है सेल्स एंट्री के माध्यम से ज्ञात होता है

Sales Entry in Tally कब करें?

Sales Entry in Tally कब करें?: व्यापार-व्यवसाय में जब Cash और Credit में Sale का कार्य किया जाता है, तब हम Sales Entry करते हैं, इसके लिए हमें Sales Invoice की आवश्यकता होती है जिसमें विक्रय की संपूर्ण जानकारी रहती है जैसे कस्टमर का नेम, निवास स्थान, ट्रांजैक्शन डेट, आइटम नेम, दर, मूल्य और अन्य डिस्काउंट की जानकारी दिया हुआ रहता है जिसके आधार पर टैली में डाटा को रिकॉर्ड करके रखा जा सकता है वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा क्रय विक्रय पर GST लगाया जाता है जिसे हमें भी Sales Entry in Tally : Sales Voucher में एंट्री करते समय जीएसटी का एंट्री करना होता है.

Sales Entry in Tally कैसे करें?

बिजनेस में हुए लेन-देन को एंट्री करने के लिए विभिन्न प्रकार के वाउचर उपलब्ध है जिसमें Sales की Entry करने के लिए Sales Voucher की आवश्यकता होती है तो चलिए जानते हैं Sales Entry in Tally कैसे करें?

  1. गेटवे ऑफ़ टैली में जाए.
  2. Accounting Info को सेलेक्ट करें.
  3. सबसे पहले Ledger Create करें.
  4. Stock Unit बनाएं.
  5. Stock Item Create करें.
  6. अब Accounting Voucher में जाए.
  7. F8 Sales Voucher को सेलेक्ट करें.
  8. अंतिम में Sales Entry कर Ctrl + A प्रेस करके सेव करें.

तो चलिए अभी तक हमने सेल्स की एंट्री कैसे करना है के बारे में जानकारी प्राप्त कर लिया है अब उसे हम उदाहरण लेकर समझने का प्रयास करते हैं –

Example 1 :- महेश क्लॉथ को ₹120000 का सीमेंट बेचा और 12% जीएसटी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया.

उपरोक्त उदाहरण में ₹120000 का सीमेंट महेश क्लॉथ को नकद विक्रय किया जा रहा है जिसमें 12% जीएसटी लगाया गया है जिसका टैली में एंट्री करने के लिए सबसे पहले लेजर क्रिएट करने होंगे –

>> Ledger क्या है और कैसे बनाएं?

>> Ledger Group क्या है?

S.NoLedgerUnder Group
1Cash A/cCash Account
2Sales A/cSales Account
3IGSTDuties & Taxes
4CGSTDuties & Taxes
5SGSTDuties & Taxes
Sales Entry in Tally

>> Tally में GST Entry करने की सम्पूर्ण जानकारी.

दोस्तों उपरोक्त उदाहरण में सीमेंट का नगद विक्रय किया गया है, जिसके कारण से महेश क्लॉथ का लेजर तैयार नहीं किया गया है यह एक नगद लेन देन है जिसे कारण कैश लेजर हमने लिया है जैसे कि आप जानते हैं Tally में पहले से ही कैश अकाउंट बना हुआ रहता है इसे और बनाने की आवश्यकता नहीं है.

लेजर बनने के बाद हमें स्टॉक आइटम क्रिएट करने होंगे जोकि हम परचेज करते समय तैयार कर लिए हैं. इसलिए दोबारा स्टॉक आइटम बनाने की आवश्यकता नहीं है.

>> Golden Rules of Accounting की सम्पूर्ण जानकारी.

Stock Item क्रिएट होने के बाद अब Voucher Entry करना होगा जिसके लिए हमें इन स्टेप्स को follow करने होंगे –

  1. Gateway of Tally
  2. Accounting Voucher
  3. Sales Voucher
  4. Sales Entry in Tally.

Golden Rules for Sales Entry in Tally

टैली में Sales Entry in Tally करने के लिए हमें हमेशा Golden Rules of Accounting को अपनाना चाहिए जैसे कि आप नीचे देख पाए हैं कि हमने Accounting का Golden Rules तैयार किया हुआ जिसमें Sales Real Account के अंतर्गत आता है, व्यापार में Sales करने पर गुड्स हमारे पास से जाता है जो कि रियल अकाउंट के अनुसार Credit होगा उसी प्रकार Customer एक व्यक्तिगत खाता के अंतर्गत आता है जो कि हमें Goods प्राप्त कर रहा है इसलिए वह Receiver है इसलिए उसे हमें Debit करना होगा उसी प्रकार नगद लेनदेन होने पर कैश अकाउंट डेबिट होगा जोकि रियल अकाउंट के अंतर्गत आता है.

Sales Entry in Tally : Golden Rules of Accounting
Sales Entry in Tally : Golden Rules of Accounting

Example 1. महेश क्लॉथ को ₹120000 का सीमेंट बेचा और 12% जीएसटी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया..
>>Voucher entry in Sales Voucher<<
Cash A/c Dr. – 120000
CGST A/c Cr. 7200
SGST A/c Cr. 7200
to Sales A/c Cr. 134400
(महेश क्लॉथ को 134400 रूपये का Cement Sale kiya और 12% GST)

उपरोक्त उदाहरण को अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर टैली मे एंट्री करने पर हमको इस प्रकार करना होगा –

Sales Entry in Tally with GST कैसे करें?

Tally में Sales Entry के साथ GST के एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा जीएसटी लागू किया गया है जिसे किसी भी स्थिति में हमें अपने व्यवसाय व्यापार में क्रय विक्रय करते समय लगाना अनिवार्य है, इसलिए Sales Entry in tally with GST करने के लिए हमें कुछ सेटिंग्स में बदलाव करने होंगे जिससे हम Purchase Entry और Sales Entry के समय GST लगा सके, जिसके लिए सबसे पहले GST को Activate करना होगा तो चलिए स्टार्ट करते हैं –

Activation of GST in Tally

  1. सबसे पहले आप Gateway of Tally पर जाये.
  2. GST को Activate करने के लिए F11 Features को क्लिक करें.
  3. अब Company Features में जाकर Statutory and Taxation विकल्प को सेलेक्ट करें.
  4. Statutory and Taxation में जाने के बाद आपको इसका डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा.
  5. Enable Goods and Service Tax को yes करें.
  6. उसके बाद set / alter gst details को yes करें.
  7. yes करते ही आपको इस तरह से स्क्रीन दिखाई देगा जिसमे हमें सम्पूर्ण जानकरी भरना होगा जैसे state, GST number, period of gst इत्यादी .
Sales Entry in Tally with GST
Sales Entry in Tally with GST

सभी जानकारी सही-सही भरने के बाद CTRL+A बटन प्रेस करके सेव कर ले, सेव करने से पहले अच्छी तरह से जांच में यह आपने जीएसटी नंबर और अपने स्टेट का डिटेल भरा है कि नहीं यदि आपने इसमें से किसी भी को नहीं भरा तो आपका जीएसटी आटोमेटिक कैलकुलेट नहीं होगा.

Creating GST Ledger for GST Entry

जीएसटी को एक्टिवेट करने के बाद हमें जीएसटी लेजर तैयार करने होंगे जिसके माध्यम से वाउचर एंट्री किया जा सके –

अब आपको तीन प्रकार के लेजर क्रिएट करने होंगे

  • SGST (state goods and service tax)
  • CGST (Central goods and service tax)
  • IGST (Integrated Goods and Service Tax)

Creating Stock Items for GST Entry

लेजर क्रिएट होने के बाद अब हमें स्टॉक आइटम क्रिएट करने होंगे, यहां हमें सावधानीपूर्वक स्टॉक आइटम क्रिएट करने होंगे क्योंकि हमारा जीएसटी कैलकुलेशन स्टॉक आइटम के आधार पर होना है.

Creating Stock Items for GST Entry
Creating Stock Items for GST Entry

stock item बनाते समय ध्यान रखे के set / alter gst details को yes करे और yes करते ही आपको GST Details for Stock Item में taxability को taxable करे और integrated tax rate डाले जैसे 18, 28, 12 or 5 अपने स्टॉक आइटम के gst दर अनुसार निरधारित करे .

GST Details for Stock Item
GST Details for Stock Item

इस प्रकार GST Activation, Ledger Creation और Stock Item Create करने के बाद हम अपने Purchase Entry & Sales Entry में जीएसटी लगा सकते हैं.

चलिए उदाहरण देकर Sales Entry in Tally with GST को समझने की कोशिश करते हैं –

Example : महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर रायपुर को 500 पीस, दर ₹100 माउस विक्रय किया और 18 परसेंट जीएसटी दिया गया.

उपरोक्त उदाहरण में महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर को 500 नग ₹100 की दर से Mouse Sale किया जिसमें 18% जीएसटी लगाया गया है, जिसका टैली में एंट्री करने के लिए हमें निम्नलिखित लेजर, स्टॉक आइटम और वाउचर एंट्री करना होगा.

S.NoLedgerUnder Group
1Maheshwari Computer A/cSundry Debitors
2Sales A/cSales Account
3IGSTDuties & Taxes
4CGSTDuties & Taxes
5SGSTDuties & Taxes
Sales Entry in Tally

अब हमें स्टॉक आइटम क्रिएट करने होंगे और यूनिट भी तैयार करना होगा लेकिन याद रखें यह कार्य हमें परचेज के समय करना होगा क्योंकि सेल्स के समय दोबारा करने की आवश्यकता नहीं है.

Sales Entry in Sales Voucher in Tally

Example : महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर रायपुर को 500 पीस, दर ₹100 माउस विक्रय किया और 18 परसेंट जीएसटी दिया गया.
Voucher entry in Sales Voucher
Maheshwari Computer A/c Dr. – 59000
CGST@9% A/c Cr. 4500
SGST@9% A/c Cr. 4500
to Sales A/c Cr. 59000
(महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर रायपुर को 500 पीस, दर ₹100 माउस विक्रय किया और 18 परसेंट जीएसटी दिया गया)

>> Gateway of Tally >> Accounting Voucher >> Sales Voucher >> Sale Entry in Tally

Sales Entry in Tally

Sales Return Entry in Tally

व्यापार-व्यवसाय में बेची हुए माल जब किसी कारणवश वापस आ जाता है तो उसे हम Sales Return कहते हैं, Sales Return Entry in Tally में हम जनरल वाउचर में कर सकते हैं इसके अलावा Credit Note में भी पर सेल्स रिटर्न कंट्री किया जा सकता है. क्योंकि जब कोई भी माल वापस आता है तो उसे हम अलग से एंट्री नहीं कर सकते इसे केवल हम Sales किए हुए माल के साथ एडजस्ट करना होता है.

Example : महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर रायपुर 50 पीस माउस Return आया और 18 परसेंट जीएसटी दिया गया.
Voucher entry in Journal Voucher

Sales Return A/c Dr. 5000
CGST@9% A/c Dr. 450
SGST@9% A/c Dr. 450
To Maheshwari Computer A/c Cr. – 59000

(महेश्वरी कंप्यूटर सेंटर रायपुर 50 पीस माउस Return आया और 18 परसेंट जीएसटी दिया गया)

Sales Return Journal Entry in Tally

जैसे कि हमें पता है की कोई भी एडजस्टमेंट कंट्री हम केवल जनरल वाउचर में करते हैं इसलिए sales return journal entry in tally में ही होगा, तो चलिए Sales Return Journal Entry in Tally में करके देखते हैं –

Sales Return Entry in Tally
Sales Return Entry in Tally

Credit Sales Entry in Tally

Credit Sales Entry in Tally : Credit Sales का अर्थ होता है उधार विक्रय अर्थात बिना नगद के विक्रय, व्यापार-व्यवसाय में हम अपने ग्राहकों को निर्धारित समय सीमा के साथ विक्रय की हुए माल की राशि को वापस लौटाने हेतु सुविधा प्रदान करते हैं जिसे हम Credit Sales के नाम से जानते हैं. Credit Sales के विभिन्न Temrs & Condition हो सकते हैं साथ ही साथ आप क्रेडिट सेल के ऊपर ब्याज भी प्राप्त कर सकते हैं. तो चलिए Credit Sales Entry in Tally में करके देखते हैं –

Example 3. श्री स्टोर रायपुर से 50000 रूपये का Cement Sales और 12 % GST लगाया गया.
Voucher entry in Sales Voucher
Shri Store Raipur A/c Dr. – 50000
CGST A/c Cr. 3000
SGST A/c Cr. 3000
to Sales A/c Cr. 44000
(श्री स्टोर रायपुर से 50000 रूपये का Cement Sales kiya और 12% GST)

Cash Sales Entry in Tally

Cash Sales Entry in Tally : Cash Sales का अर्थ होता है नगद विक्रय अर्थात ग्राहक द्वारा माल खरीदने पर तुरंत ही राशि का भुगतान कर दिया जाता है जिसे हम Cash Sales कहते हैं, इस प्रकार के लेनदेन में विभिन्न प्रकार के छूट ग्राहकों को दिया जाता है क्योंकि हमें विक्रय की हुए माल की राशि तुरंत प्राप्त हो जाता है. तो चलिए देखते हैं Cash Sales Entry in Tally की एंट्री कैसे किया जाता है. –

Cash Sales Entry in Tally : Example 1. Shri Finance Ltd को ₹20000 का Cement Sale किया और 12% जीएसटी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया.
>>Voucher entry in Sales Voucher<<
Cash A/c Dr. – 21200
CGST A/c Cr. 600
SGST A/c Cr. 600
to Sales A/c Cr. 20000
(Shri Finance Ltd को ₹20000 का सीमेंट बेचा और 12% जीएसटी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया)

नोट – दोस्तों आपको ट्रांजैक्शन यह प्रकृति को जानना अनिवार्य है की दिए हुए ट्रांजैक्शन कैश ट्रांजैक्शन है कि क्रेडिट ट्रांजैक्शन क्योंकि हमें इसी के अनुसार दिल्ली में एंट्री करना होता है, यहां पर आप बताना चाहते हैं की अगर प्रश्न में भुगतान किया या भुगतान प्राप्त हुआ तो यह कैश ट्रांजैक्शन इसी प्रकार अगर प्रश्न में केवल माल खरीदा या केवल माल बेचा शब्द का उपयोग किया जा रहा है साथ ही साथ खरीदने वाले का नाम दिया है और किसी भी प्रकार का भुगतान प्राप्ति का जिक्र नहीं है तो वह क्रेडिट ट्रांजैक्शन होगा.

दोस्तों Sales Entry in Tally in hindi with GST, Sales return journal entry in tally, cash sales entry in tally की जानकारी देने की कोशिश किया गया है यदि आपको किसी प्रकार की समस्या आती है तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते जैसे कि आपको पता है Tally में परचेज एंट्री विद जीएसटी एक महत्वपूर्ण एंट्री है जिसका सही सही होना बहुत जरूरी है. साथी आप जॉब की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारे जॉब पोर्टल Job Result Alert के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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  3. Payment Voucher Entry in Tally
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  5. Purchase Voucher Entry in Tally with GST
  6. Sales Entry in Tally with GST
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  8. Credit Note Entry in Tally with GST

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